तपस्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में

तपस्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में: मनःप्रसादः सौम्यत्वं मौनमात्मविनिग्रहः ।भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते ॥ मन की प्रसन्नता, सौम्यभाव, मौन, आत्मचिंतन, मनोनिग्रह, भावों की शुद्धि – यह मन का तप कहलाता है । अनुद्वेगकरं वाक्यं मुद्रण ई-मेलअनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत् ।स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङमयं तप उच्यते ॥ उद्वेग को जन्म न देनेवाले, यथार्थ, प्रिय और हितकारक वचन … Continue reading तपस्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में