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स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए दैनिक संस्कृत प्रार्थनाएं


Daily sanskrit prayers for health and Wellbeing:

हमारी भारतीय संस्कृति में प्रार्थना का विशेष स्थान है। संस्कृत में की गई प्रार्थनाएं न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती हैं, बल्कि ये हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी संवारती हैं। दैनिक जीवन में इन प्रार्थनाओं का उच्चारण करने से शरीर, मन, और आत्मा को शांति और शक्ति मिलती है। इस लेख में हम कुछ शक्तिशाली संस्कृत प्रार्थनाओं के बारे में जानेंगे, जो स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक होती हैं।


1. सर्वे भवन्तु सुखिनः

“सर्वे भवन्तु सुखिनः” प्रार्थना का उद्देश्य सभी प्राणियों के सुख और स्वास्थ्य की कामना करना है। यह प्रार्थना हमें सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्रदान करती है।

प्रार्थना:

सर्वे भवन्तु सुखिनः,
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥

अर्थ:
सभी सुखी रहें, सभी निरोगी रहें, सभी मंगलमय घटनाओं का अनुभव करें, और कोई भी दुःख का भागी न बने।


2. महामृत्युञ्जय मंत्र

महामृत्युञ्जय मंत्र को स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र का नियमित उच्चारण शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।

प्रार्थना:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

अर्थ:
हम त्रिनेत्र वाले भगवान शिव की आराधना करते हैं, जो हमें जीवन में शक्ति और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। हमें इस जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कर अमरत्व की ओर ले जाएं।


3. धन्वन्तरि मंत्र

भगवान धन्वन्तरि को आयुर्वेद के देवता माना जाता है। उनके मंत्र का जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।

प्रार्थना:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वंतरये,
अमृतकलश हस्ताय सर्वामय विनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय
श्री महाविष्णवे नमः॥

अर्थ:
मैं भगवान धन्वंतरि को प्रणाम करता हूँ, जो अमृत कलश को धारण करते हैं, सभी रोगों का नाश करने वाले हैं, और त्रिलोक के स्वामी हैं।


4. गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र को सभी रोगों को दूर करने और मानसिक शांति प्रदान करने वाला मंत्र माना गया है। यह प्रार्थना बुद्धि और शारीरिक शक्ति को विकसित करती है।

प्रार्थना:

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

अर्थ:
हम उस सर्वशक्तिमान का ध्यान करते हैं, जो हमें ज्ञान और शक्ति प्रदान करें और हमारे मन को पवित्र करें।


5. शांति पाठ

शांति पाठ से मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त होती है। यह प्रार्थना पूरे ब्रह्मांड की शांति की कामना करती है।

प्रार्थना:

ॐ द्यौः शान्तिः, अन्तरिक्षं शान्तिः, पृथ्वी शान्तिः।
आपः शान्तिः, ओषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिः, विश्वेदेवाः शान्तिः।
ब्रह्म शान्तिः, सर्वं शान्तिः, शान्तिरेव शान्तिः,
सा मा शान्तिरेधि॥

अर्थ:
आकाश में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हो, जल में शांति हो, औषधियों में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, संपूर्ण ब्रह्मांड में शांति हो।


निष्कर्ष

स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए इन संस्कृत प्रार्थनाओं का नियमित रूप से उच्चारण करने से मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इन मंत्रों के पीछे की शक्ति हमें आंतरिक और बाहरी रूप से मजबूत बनाती है। दैनिक जीवन में इन प्रार्थनाओं को शामिल करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।

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