Sanskrit Shlok .com ---------यतो धर्मः ततो जयः ----- "जहाँ धर्म है वहाँ जय है।" -------महाभारत
संस्कृत श्लोक अर्थ सहित-Sanskrit Verses With Meaning Famous Hindi Quotes इन लोगों का रास्ता न काटें, अपना मार्ग बदल लें चक्रिणो दशमीस्थस्य रोगिणो भारिणः स्त्रियाः। स्नातकस्य च राज्ञश्च पन्था देयो वरस्य च।। रथ पर...
सर्वरोगनाशक है भक्तामर स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र के नियमित पढ़ने से कैंसर से मुक्ति मिल सकती है, भक्तामर स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंगजी ने की थी। इस स्तोत्र का दूसरा नाम आदिनाथ स्तोत्र भी है।...
दीप ज्योति परम ज्योति दीप जलाना हमारी संस्कृति है बुझाना हमारी संस्कृति नहीं हो सकतीदीप जलाना भारत की अत्यंत प्राचीन व अनादि वैदिक परंपरा है , यह अत्यंत विशेष भी है ,लेकिन आज जो...
कर्म पर संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas for Karma with Hindi Meaning कर्म पर संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas for Karma with Hindi Meaning ब्रह्मण्याधाय कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा करोति यः । लिप्यते न स पापेन पद्मपत्रमिवाम्भसा...
संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas With Hindi Meaning संस्कृत श्लोक Sanskrit Shlokas With Hindi Meaning सेवितव्यो महावृक्ष: फ़लच्छाया समन्वित:।यदि देवाद फलं नास्ति,छाया केन निवार्यते।।अर्थ — एक विशाल वृक्ष की सेवा करनी चाहिए। क्योंकि वह फल...
प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक अर्थ सहित — Sanskrit Shlokas With Hindi Meaning संस्कृत भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है और संस्कृत भाषा का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा...
bhagwan shlok sanskrit shlok फिर भी भगवान शंकर को भिक्षा के लिए भटकना पडता है ! सचमुच, ईश्वर की ईच्छा हि बलवान है: स्वयं महेशः श्वशुरो नगेशःसखा धनेश स्तनयो गणेशः ।तथापि भिक्षाटनमेव शम्भोःबलीयसी केवलमीश्वरेच्छा...
भगवान श्लोक in hindi-god slokas in hindi ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति । भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारुढानि मायया ॥ हे अर्जुन ! ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में विराजमान है । शरीररुप यंत्र पर आरुढ हुए सब...
Gyan shlok top sanskrit shlok संसारसागर में जन्म का, बूढापे का, और मृत्यु का दुःख बार आता है, इस लिए (हे मानव !), “जाग, जाग न जातु कामः कामानुपभोगेन शाम्यति । हविषा कृष्णवत्मैर्व भुय...
Gyan shlok in hindi ज्ञान पर संस्कृत श्लोक part4 यत्ते अग्ने तेजस्तेनाहं तेजस्वी भूयासम् । यत्ते अग्ने वर्चस्तेनाहं वर्चस्वी भूयासम् । यत्ते अग्ने हरस्तेनाहं हरस्वी भूयासम् । हे अग्नि ! तुम्हारे तेज से मुज़े...