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नवरात्रि के महत्वपूर्ण संस्कृत श्लोक और उनके हिंदी अर्थ | शक्तिशाली नवरात्रि मंत्र

नवरात्रि के महत्वपूर्ण संस्कृत श्लोक और उनके हिंदी अर्थ | शक्तिशाली नवरात्रि मंत्र श्लोक नवरात्रि के दिनों में पढ़ने से विशेष फलदायी होते हैं। नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान देवी की आराधना करने के लिए विशेष रूप से श्लोकों का पाठ किया जाता है। ये श्लोक न केवल माँ दुर्गा की स्तुति और महिमा का वर्णन करते हैं, बल्कि भक्तों को उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। इस लेख में हम आपके लिए चुनिंदा नवरात्रि श्लोक संस्कृत में हिंदी अर्थ के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। ये श्लोक नवरात्रि के दिनों में पढ़ने से विशेष फलदायी होते हैं।

1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते

हिंदी अर्थ:
हे माँ! आप सभी मंगल कार्यों की करने वाली, सभी सुखों और सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। त्र्यंबके गौरी, जो सभी की रक्षा करती हैं, आपको मेरा नमन है।

2. या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

हिंदी अर्थ:
वह देवी जो समस्त प्राणियों में माता के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें बार-बार नमन है।

3. कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि

नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः

हिंदी अर्थ:
हे कात्यायनी माँ! आप महान माया और योग की अधिष्ठात्री हैं। नन्दगोप के पुत्र श्रीकृष्ण को मेरे पति रूप में स्वीकार करें। आपको मेरा नमन।

4. सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते

भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते

हिंदी अर्थ:
हे माँ दुर्गा! आप समस्त रूपों में, समस्त शक्तियों के साथ विद्यमान हैं। हमें सभी प्रकार के भय से मुक्ति दिलाएँ, आपको प्रणाम है।

5. या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

हिंदी अर्थ:
वह देवी जो सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में निवास करती हैं, उन्हें बार-बार नमन है।

नवरात्रि के लिए विशेष श्लोक

नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा की पूजा विधिपूर्वक की जाती है, और इस समय के लिए कुछ विशेष श्लोक होते हैं जो देवी की स्तुति में कहे जाते हैं। इन श्लोकों का उच्चारण नवरात्रि के दौरान करने से भक्तों को माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

6. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

हिंदी अर्थ:
वह देवी जो सभी प्राणियों में लक्ष्मी के रूप में निवास करती हैं, उन्हें बार-बार नमन है।

7. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः

स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्य दुःख भय हारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता॥

हिंदी अर्थ:
हे माँ दुर्गा! जब भी कोई आपको स्मरण करता है, तो आप उसके समस्त भय और दुःखों का नाश करती हैं। स्वस्थ लोगों को आप शुभ बुद्धि प्रदान करती हैं। दारिद्र्य और भय को हरने वाली देवी, आपके समान कौन है?

8. शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

हिंदी अर्थ:
हे माँ नारायणी! आप शरण में आए हुए दीन और दुखियों की रक्षा करने वाली हैं। आप सभी कष्टों को दूर करती हैं, आपको नमन है।

9. सप्तशती मंत्र:

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

हिंदी अर्थ:
यह देवी चामुंडा के ध्यान का बीज मंत्र है। इसे उच्चारित करने से शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ

नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। दुर्गा सप्तशती के श्लोकों में देवी की महिमा, उनके शक्तिशाली रूप, और उनकी विजय का वर्णन है। यह पाठ नौ दिनों तक किया जाता है और देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। Top 50 Short Sanskrit Shlokas (One-Line) for Daily Recitation | छोटे संस्कृत श्लोक Read on Link.

दुर्गा सप्तशती के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक

10. **ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥**

हिंदी अर्थ:
जय हो माँ जयन्ती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी। आपको नमन है, हे दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा, स्वधा।

11. ॐ देवी महालक्ष्म्यै नमः

ॐ देवी महाकाल्यै नमः
ॐ देवी महासरस्वत्यै नमः

हिंदी अर्थ:
माँ महालक्ष्मी को नमन, माँ महाकाली को नमन, माँ महासरस्वती को नमन।

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नवरात्रि के नौ दिन और माँ के नौ रूप

नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक विशेष रूप का पूजन होता है, और भक्त इन रूपों की आराधना करते हैं। इन नौ रूपों में माँ शैलपुत्री से लेकर माँ सिद्धिदात्री तक का पूजन होता है।

शैलपुत्री (पहला दिन)

शैलपुत्री देवी पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है।

ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)

ब्रह्मचारिणी देवी तपस्या का प्रतीक हैं। दूसरे दिन इनकी पूजा की जाती है।

चंद्रघंटा (तीसरा दिन)

माँ चंद्रघंटा अपने मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण करती हैं। इनकी पूजा तीसरे दिन की जाती है।

कूष्माण्डा (चौथा दिन)

कूष्माण्डा देवी सृष्टि की रचना करने वाली देवी मानी जाती हैं। चौथे दिन इनकी पूजा होती है।

स्कन्दमाता (पाँचवा दिन)

माँ स्कन्दमाता कार्तिकेय की माता हैं। नवरात्रि के पाँचवे दिन इनकी पूजा की जाती है।

कात्यायनी (छठा दिन)

कात्यायनी देवी ऋषि कात्यायन की पुत्री मानी जाती हैं। छठे दिन इनकी पूजा होती है।

कालरात्रि (सातवां दिन)

कालरात्रि देवी का रूप अति उग्र और भयावह माना जाता है। ये सातवें दिन पूजी जाती हैं।

महागौरी (आठवां दिन)

महागौरी देवी सौंदर्य और शांति की प्रतीक हैं। इनकी पूजा आठवें दिन होती है।

सिद्धिदात्री (नौवां दिन)

माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा नौवें दिन की जाती है। Maa Durga: सिर्फ 7 श्लोकों में समाया है दुर्गा सप्तशती का पूरा Saar.

नवरात्रि के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • माँ दुर्गा की पूजा में पूरे मन और श्रद्धा से सम्मिलित हों।
  • दुर्गा सप्तशती और अन्य श्लोकों का पाठ करें।
  • माँ दुर्गा की उपासना के साथ-साथ नवरात्रि के उपवास का पालन करें।