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गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः – श्लोक का अर्थ और महत्व

परिचय हिंदू धर्म में गुरु का विशेष स्थान है। गुरु का अर्थ है अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने वाला। “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु: साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै… गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः – श्लोक का अर्थ और महत्व

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महाभारत और 18 पुराण के श्लोक संख्या और महत्व की सम्पूर्ण जानकारी

भारत के प्राचीन ग्रंथों में पुराण विशेष स्थान रखते हैं, जो ब्रह्माण्ड की रचना, धर्म, इतिहास, और देवताओं की महिमा का वर्णन करते हैं। यहां हम प्रमुख पुराणों में श्लोकों की संख्या का उल्लेख करेंगे:… महाभारत और 18 पुराण के श्लोक संख्या और महत्व की सम्पूर्ण जानकारी