Category: गृहस्थी श्लोक

गृहस्थी श्लोक

ऐसा गृहस्थाश्रम धन्य है गृहस्थी पर संस्कृत श्लोक हिंदी में Part 5 2

ऐसा गृहस्थाश्रम धन्य है गृहस्थी पर संस्कृत श्लोक हिंदी में Part 5

ऐसा गृहस्थाश्रम धन्य है गृहस्थी पर संस्कृत श्लोक हिंदी में Part 5: यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी । विभवे यश्च सन्तुष्टः तस्य स्वर्ग इहेव हि ॥ जिसका पुत्र उसके वश है, पत्नी कहा करनेवाली...

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गृहस्थी पर संस्कृत श्लोक हिंदी में Part 3

गृहस्थी पर संस्कृत श्लोक हिंदी में Part 3 Sanskrit shlok in hindi: त्रयः कालकृताः पाशाः शक्यन्ते न निवर्तितुम् । विवाहो जन्म मरणं यथा यत्र च येन च ॥ विवाह, जन्म, और मरण – ये...