विद्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में
विद्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में संयोजयति विद्यैव नीचगापि नरं सरित् । समुद्रमिव दुर्धर्षं नृपं भाग्यमतः परम् ॥ जैसे नीचे प्रवाह में बहेनेवाली नदी, नाव… Read More »विद्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में
संस्कृत श्लोक Sanskrit shlok latest top best
विद्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में संयोजयति विद्यैव नीचगापि नरं सरित् । समुद्रमिव दुर्धर्षं नृपं भाग्यमतः परम् ॥ जैसे नीचे प्रवाह में बहेनेवाली नदी, नाव… Read More »विद्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में
धर्म पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में तर्कविहीनो वैद्यः लक्षण हीनश्च पण्डितो लोके ।भावविहीनो धर्मो नूनं हस्यन्ते त्रीण्यपि ॥ तर्कविहीन वैद्य, लक्षणविहीन पंडित, और भावरहित धर्म… Read More »धर्म पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में
तपस्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में: मनःप्रसादः सौम्यत्वं मौनमात्मविनिग्रहः ।भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते ॥ मन की प्रसन्नता, सौम्यभाव, मौन, आत्मचिंतन, मनोनिग्रह, भावों की शुद्धि – यह मन… Read More »तपस्या पर संस्कृत श्लोक हिन्दी में