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गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः – श्लोक का अर्थ और महत्व

परिचय हिंदू धर्म में गुरु का विशेष स्थान है। गुरु का अर्थ है अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने वाला। “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु: साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै… गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः – श्लोक का अर्थ और महत्व

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गुरु पूर्णिमा: ज्ञान, शांति और भक्ति का पावन पर्व

गुरु पूर्णिमा: ज्ञान, शांति और भक्ति का पावन पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा, जब वर्षा ऋतु की रिमझिम बूंदें धरती को सींचती हैं, उस पावन दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।… गुरु पूर्णिमा: ज्ञान, शांति और भक्ति का पावन पर्व

sanskrit shlok on guru in hindi part2

गुरु पर संस्कृत श्लोक हिंदी में part2

गुरु पर संस्कृत श्लोक हिंदी में part2: पूर्णे तटाके तृषितः सदैव भूतेऽपि गेहे क्षुधितः स मूढः । कल्पद्रुमे सत्यपि वै दरिद्रः गुर्वादियोगेऽपि हि यः प्रमादी ॥ जो इन्सान गुरु मिलने के बावजुद प्रमादी रहे, वह… गुरु पर संस्कृत श्लोक हिंदी में part2